भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना

वारेन हेस्टिंग्स को 1773 में भारत का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया था।

1767 ई० में, अंग्रेज, मराठा एवं हैदराबाद के निजाम की संयुक्त फौज तथा हैदर अली की फौज के बीच मैसूर युद्ध लड़ा गया था।

1769 ई० में 'मद्रास की संधि' अंग्रेज तथा मैसूर के शासक हैदर अली के बीच हुई थी।

द्वितीय, मैसूर युद्ध  1780 ई० में, अंग्रेज तथा हैदर अली के बीच हुआ था।

'मंगलौर की संधि' 1784 ई० में, अंग्रेज और हैदर अली के पुत्र टीपू सुल्तान बीच हुई थी।

तृतीय मैसूर युद्ध 1790 ई० में, टीपू सुल्तान और अंग्रेजों के बीच हुआ था।

चतुर्थ मैसूर युद्ध 1799 ई० में, टीपू सुल्तान और अंग्रेजों के बीच लड़ा गया था।

प्रथम मराठा युद्ध 1775 ई० में, मराठा और अंग्रेजों के बीच हुआ था।

दुसरा 1802 मे, तिसरा 1805 मे, चतुर्थ 1817 मे हुआ था।

प्रथम अंग्रेज-सिक्ख युद्ध 1845 ई० में, हुआ था एव् द्वितीय 1848 मे हुआ था ।

1774 ई० में कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) की स्थापना की गई थी।

1784 ई० में पिट्स इंडिया ऐक्ट लागू किया गया था।

लॉर्ड कार्नवालिस ने, 1793 ई० में स्थायी भूमि बंदोबस्त गवर्नर जेरनल ने लागू किया था।

भारत में राजस्व वसूली का रैयतवाडी-व्यवस्था मद्रास में लागू की गई थी।

लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में भारत में पहली रेलगाड़ी चलाई गई थी।

टेलीग्राफ की सेवा लॉर्ड डलहौजी 1853 ई० में गवर्नर जेनरल के शासनकाल में शुरू हुई थी।

भारतीय विद्यालयों में अंग्रेजी भाषा में शिक्षा-प्रसार की नीति लॉर्ड मेकाले की देन है।

सती-प्रथा पर रोक 1829 ई० में राजा राममोहन राय की सलाह पर विलियम बैंटिक ने लगाई थी।

विधवा पुनर्विवाह कानून ईश्वरचन्द्र विद्यासागर के प्रयासों से बनाया गया था।

विधवा पुनर्विवाह कानून लॉर्ड केनिंग गवर्नर जेनरल के शासनकाल में लागू किया गया था।

डाक-टिकट का प्रचलन सर्वप्रथम लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में हुआ था।

भारत में सबसे पहला डाक-टिकट कराची में जारी किया गया था।

भारत में पहली बार टेलीग्राफ सेवा कलकत्ता से आगरा तक, डलहौजी के शासनकाल में।