महात्मा गाँधी और भारत की स्वतंत्रता

1917 ई० में गाँधीजी का चम्पारण सत्याग्रह हुआ था, महात्मा गाँधी के जीवन का सबसे पहला सत्याग्रह था।

1920 ई० में खिलाफत आंदोलन हुआ था खिलाफल आंदोलन के नेता मौलाना मोहम्मद अली और उनके भाई शौकत अली थे ।

1920 ई० में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना हुई थी।

1920 ई० में महात्मा गाँधी द्वारा चलाया गया पहला असहयोग आंदोलन शुरू हुआ था।

1921 ई० में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गठन हुआ था।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का गठन एम० एन० राय ने किया था
1922 ई० में चौरी-चौरा कांड हुआ था।

1923 ई० में स्वराज पार्टी की स्थापना हुई थी, चित्तरंजन दास (सी० आर० दास) तथा मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी की स्थापना की थी।

स्वराज पार्टी के अध्यक्ष चित्तरंजन दास और  पं० मोतीलाल नेहरू सचिव  थे ।

1924 ई० में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन' की स्थापना शचीन्द्र सन्याल, यतीन्द्र मुखर्जी आदि क्रांतिकारी लोगों ने  की थी।

9 अगस्त, 1925 काकोरी काण्ड हुआ था।

साइमन कमीशन भारत 1927 ई० में आया था।

मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय संविधान का जो प्रारूप तैयार किया गया नेहरू रिपोर्ट' के नाम से प्रसिद्ध है । यह 1928 ई० में पेश की गई ।

1929 ई० में पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।

1928 ई० में  बारदोली सत्याग्रह  हुआ था।

1930 ई० में  गाँधीजी का डांडी मार्च हुआ था।

1930 ई० में  सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था।


सविनय अवज्ञा आंदोलन गाँधीजी  द्वारा शुरू किया गया था।

1930 ई० में  इंग्लैंड में प्रथम गोलमेज कॉन्फ्रेंस हुआ था।

गाँधी-इरविन पैक्ट' 1931 ई० हुआ था।

1942 ई० में क्रिप्स मिशन भारत आया था।

1940 ई० में अंग्रेजों ने 'अगस्त प्रस्ताव' की घोषणा की थी।

1942 ई० को  भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू किया गया था।

'करो या मरो' का नारा महात्मा गाँधी ने, भारत छोड़ो आंदोलन अवसर पर दिया था।

कैप्टन मोहन सिंह ने 1942 मे आजाद हिन्द फौज' की स्थापना की थी।

'आजाद हिन्द फौज' ने दिल्ली चलो का नारा दिया था।

सुभाषचन्द्र बोस ने  सर्वप्रथम 'जय हिन्द' का नारा दिया था।

कैबिनेट मिशन भारत 1946 ई० में आया था।

भारत का अन्तिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन  था।

लॉर्ड माउंटबेटन  स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जेनरल थे।

सी० राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जेनरल थे।

26 जनवरी, 1950 ई०  भारत का अपना नया संविधान लागू हुआ।

1969 ई० को स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में पहला विभाजन हुआ था।